क्या है वो 5 कारण जिसकी वजह से GOLD और SILVER की कीमतें आसमान छू रही हैं … ?

आज 3 नवंबर को MCX पर सोने और चांदी में सपाट कारोबार देखने को मिल रहा है. MCX पर सोना सपाट 60970 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी सपाट 71210 प्रति किलो के भाव पर कारोबार कर रहा है ,

सोना और चांदी दोनों ही अपने ऑल टाइम हाई के पास है आखिर क्या कारण है पिछले कुछ महीनो में सोने और चांदी की कीमतों में इतना ज्यादा उछाल आया है आईए जानते हैं वह कारण

वैश्विक आर्थिक अस्थिरता

पिछले कुछ समय में कीमतों में उछाल का सबसे बड़ा कारण है वैश्विक अस्थिरता , 3 वर्ष पहले दुनिया को कोरोनावायरस जैसी महामारी का सामना करना पड़ा था जिसके कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा था , उसके बाद यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और अब इसराइल और हमास के बीच युद्ध इसके अलावा यूरोपियन देशों में आर्थिक मंदी आने की संभावना है , इन सब करणो के चलते जब इन्वेस्टर्स को लगता है की मार्केट सेफ नहीं है तो वह अपने पैसे को गोल्ड में इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद करते हैं और गोल्ड में इन्वेस्ट करना ज्यादा सेफ होता है इसी कारण से DEMAND AND SUPPLY में CHANGE आता है अधिक डिमांड मतलब कीमतों में बढ़ोतरी

INFLATION

सोने को अक्सर मुद्रास्फीति ( INFLATION ) के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है। जब मुद्रास्फीति के कारण मुद्रा का मूल्य घट जाता है, तो सोने की कीमत बढ़ जाती है।

मुद्रा मूल्य

अमेरिकी डॉलर और अन्य प्रमुख मुद्राओं का मूल्य सोने की कीमत पर प्रभाव डाल सकता है। कमजोर डॉलर के कारण अक्सर सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि अन्य मुद्राएं रखने वाले निवेशकों के लिए यह सस्ता हो जाता है।

मुद्रा मूल्य एक तरह की दृष्टि है जो दिखाती है कि देश की मुद्रा, जैसे कि डॉलर, या अन्य मुद्राएँ, कितनी ताकतवर हैं या कितनी मजबूती है। इसका सीधा असर वस्तुओं की कीमतों पर होता है, जैसे कि सोने की कीमत पर भी।

अगर किसी देश की मुद्रा कमजोर होती है, तो उस देश की मुद्रा की कीमत अन्य मुद्राओं के मुकाबले कम हो जाती है। जैसे कि, यदि अमेरिका की मुद्रा, यानी डॉलर, की कीमत गिरती है, तो दूसरी मुद्राएँ उसके मुकाबले मेहंगी हो जाती हैं। इससे दूसरे देशों के लोगों के लिए अमेरिकी सोने की कीमत महंगी हो जाती है क्योंकि वो अपनी मुद्रा से कम खरीद पा रहे होते हैं।

इससे होने वाली व्यापारिक और वित्तीय प्रभाव से बदलती मुद्रा की कीमतें सोने जैसी निवेश संपत्तियों की कीमतों पर सीधा प्रभाव डालती हैं। मुद्रा मूल्यों में बदलाव सोने की कीमतों में भी परिवर्तन लाता है।

केंद्रीय बैंक नीतियां

केंद्रीय बैंकों द्वारा उठाए गए कदम, जैसे कि मात्रात्मक सहजता या सोने के भंडार में वृद्धि, सोने की कीमत पर असर डाल सकते हैं

  1. मात्रात्मक सहजता (Quantitative Easing): कई बार, जब अर्थव्यवस्था में सुस्ती होती है और वित्तीय संस्थाएं या बैंकों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता होती है, तो केंद्रीय बैंक मात्रात्मक सहजता की राह पर चल सकते हैं। इसमें केंद्रीय बैंक संभावना सृजन के लिए नया पैसा छापते हैं और विभिन्न वित्तीय संस्थाओं को उनके उच्च वित्तीय गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार, यह कार्रवाई अधिक नकदी उपलब्धता और ब्याज दरों में कमी लाती है, जो धारकों को सोने जैसे निवेशों की ओर मोड़ सकती है।
  2. सोने के भंडार में वृद्धि: कुछ केंद्रीय बैंक सोने के भंडार में वृद्धि करते हैं। यह उन्हें अपनी मानवीय आर्थिक सुरक्षा के रूप में सोने के लिए अधिक ध्यान देने की दिशा में बदल सकता है। जब सोने की संपत्ति के भंडार बढ़ते हैं, तो वह बाजार में सोने की उपलब्धता को प्रभावित कर सकते हैं और इससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

मांग और आपूर्ति ( DEMAND AND SUPPLY )

  1. मांग: मांग वस्तुओं की उपयोगिता और इच्छाओं को दर्शाती है। जब सोने की मांग बढ़ती है, तो उसकी कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि लोगों की धनराशि की बढ़ती मांग, वित्तीय संस्थाओं की आर्थिक सुरक्षा के लिए सोने की मांग, या भावित अर्थव्यवस्था में संदेह या अस्थिरता।
  2. आपूर्ति: सोने की आपूर्ति उसकी कीमत पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। यदि सोने की आपूर्ति मांग से कम है या यदि भविष्य में उसकी आपूर्ति के बारे में चिंता है, तो सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि सोने की खनन की मात्रा, नए खनन के स्रोतों की कमी, और सोने की बाजार में आवश्यक संसाधनों की कमी।

अगर मांग अधिक होती है और आपूर्ति कम होती है, तो सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसी तरह, यदि मांग कम होती है और आपूर्ति अधिक होती है, तो सोने की कीमतें गिर सकती हैं।

Disclaimer : शेयर बाजार में निवेश में जोखिम शामिल होते हैं। शेयरों के मूल्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय नुकसान हो सकता है। पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं देता है। निवेश करने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने पर विचार करें , आपके द्वारा लिए गए निवेश निर्णय और उनके परिणाम की जिम्मेदारी स्वयं आपकी है ।

The information provided in this share market update blog is for educational and informational purposes only. It should not be considered as financial advice or a recommendation for buying or selling stocks. Readers are encouraged to conduct their research and consult with a qualified financial advisor before making any investment decisions. Trading in the stock market involves risks and individuals are responsible for their investment choices.

Leave a comment

RSS
Follow by Email
Instagram
WhatsApp
Snapchat